भारत का वस्त्र और परिधान उद्योग कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजक है, जो सीधे तौर पर 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है और सहायक क्षेत्रों में अतिरिक्त 6 करोड़ लोगों का समर्थन करता है। यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2.3%, औद्योगिक उत्पादन में 13% और निर्यात में 12% का योगदान देता है।

कौशल अंतर को पाटने में ATDC की भूमिका
एपेरल ट्रेनिंग एंड डिज़ाइन सेंटर (ATDC) परिधान उद्योग के लिए भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता बनकर उभरा है, जो 22 राज्यों में 85 से अधिक केंद्रों के साथ संचालित होता है। पिछले दशक में ATDC ने 4,00,000 से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से लगभग 78% को वेतनभोगी रोजगार प्राप्त हुआ है।
ATDC की प्रमुख पहलें
- AVI डिप्लोमा and Degree कार्यक्रम: एक वर्षीय डिप्लोमा and 3 Yrs. Degree पाठ्यक्रम जो उद्योग उन्मुखता के लिए मान्यता प्राप्त हैं, परिधान उद्योग को योग्य मानव संसाधन और ज्ञान प्रदान करते हैं।
- स्किल मिशन: नौ राज्यों में राज्य कौशल मिशनों के तहत प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो वंचित वर्गों को परिधान/फैशन उद्योग में रोजगार प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
- पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL): उन व्यक्तियों की सहायता करना जिन्होंने कार्य अनुभव के माध्यम से कौशल प्राप्त किया है लेकिन औपचारिक शिक्षा की कमी है, उनके कौशल सेट को मानचित्रित करके प्रमाणन प्रदान करना।
- प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (ToT) अकादमी: 2011 में फैशन और परिधान क्षेत्र में कर्मियों को पुनः कौशल प्रदान करने, उन्नयन और नए कौशल प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया।
परिधान क्षेत्र में करियर के अवसर
परिधान उद्योग में विभिन्न करियर विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे:
- फैशन डिजाइनर
- पैटर्न मेकर
- गुणवत्ता नियंत्रण पर्यवेक्षक
- उत्पादन प्रबंधक
- मर्चेंडाइज़र
- वस्त्र अभियंता
- परिधान खुदरा प्रबंधक
ये भूमिकाएं विभिन्न रुचियों और कौशल सेटों को पूरा करती हैं, जो विकास और विशेषज्ञता के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करती हैं।
जुलाई 2025 सत्र के लिए प्रवेश सूचना
ATDC अपने विभिन्न कार्यक्रमों के लिए जुलाई 2025 सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं: https://shorturl.at/AkyDd
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